प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को मिल रहे नए आयाम
भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के सहकारिता क्षेत्र को नए आयाम मिल रहे हैं। दुग्ध-उत्पादन, औद्योगिक विकास सहित अन्य क्षेत्रों में हो रहे नए कार्यों में सहकारी समितियों को प्राथमिकता मिलेगी।
रोजगार का अर्थ सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है
उन्होंने कहा कि सहकारिता समाज को एक करने के साथ ही युवाओं को बेरोजगारी से बचाने का माध्यम है। रोजगार का अर्थ सिर्फ सरकारी नौकरी नहीं है। युवाओं को स्वरोजगार और स्वावलंबन से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है और वर्ष 2025 को रोजगार एवं उद्योग वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटी है, क्योंकि आंख पर पट्टी रहते हुए न्याय कैसे हो सकता है। नागरिकों के मूल अधिकार संविधान में उल्लेखित हैं और इसी भावना से व्यक्तियों के आपसी स्वावलंबन और सहभागिता का समावेश सहकारिता में है। वर्तमान सरकार में सहकारिता को लेकर व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। नई समिति की पंजीयन प्रक्रिया 30 दिन में पूर्ण की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को दिए मूल मंत्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने युवाओं से संवाद करते हुए उन्हें सहकारिता क्षेत्र से जुड़े मूल मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता में आने का एक सूत्र है- जब भी कोई नया काम करें तो आत्मविश्वास मजबूत रखें। युवा जिस भी क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, पहले उसका अनुभव लें और यह भी देखें कि सहकारी समिति के माध्यम से इस क्षेत्र में क्या-क्या किया जा सकता है। सहकारी समिति के नेतृत्वकर्ता का दायित्व है कि पहले वह स्वयं पूरी जानकारी रखें और दूसरे साथियों को भी बताएं।